सभी मित्रों को मेरा नमस्कार!
आज के प्रसारण में आपके ही कुछ नए-पुराने लिंक्स लेकर उपस्थित हूँ. आशा है अपना आशीष प्रदान करेंगे.
आज के प्रसारण में आपके ही कुछ नए-पुराने लिंक्स लेकर उपस्थित हूँ. आशा है अपना आशीष प्रदान करेंगे.
प्रजातन्त्र में प्रजा ही, चुनती है सरकार।
पाँच साल के बाद में, मिलता यह अधिकार।।
उसको अपना वोट दो, जो हो पानीदार।
संसद में...
छंद सरसी [16, 11 पर यति , कुल 27 मात्राएँ , पदांत में गुरु लघु]
चाक निरंतर रहे घूमता, कौन बनाता देह |
क्षणभंगुर होती...
प्रीतिलता वादेदार (बांग्ला : প্রীতিলতা ওয়াদ্দেদার) (5 मई 1911 – 23 सितम्बर 1932) भारतीय स्वतंत्रता संगाम की महान क्रान्तिकारिणी थीं।...
चाहता हूं
रुक जाए गति पृथ्वी की
काल से कहूं सुस्ता ले कहीं
आज मुझे बहुत प्यार करना है ज़िन्दगी से।
खोल दूंगा आज मैं
अपनी उदास खिड़कियां...
नौ महीने
अपनी कोख में सम्भाला
पीड़ा सहकर
लायी मुझे दुनिया में
जानती हूँ बहुत दुःख सह, ताने सुन
जन्म दिया मुझे
मैंने सुना था, माँ! जब बाबा...
श्रीमदभगवद गीता अध्याय चार: श्लोक (६ -१०) प्रभु के अवतार का उद्देश्य श्रीभगवानुवाच बहुनि मे व्यतीतानी, जन्मानि तव...
जन्म: 1922, रायपुर में ,निधन: 1991 १. ताज़ा हवा बहार की दिल का मलाल ले गई पा-ए-जुनूँ से हल्क़ा-ए-गर्दिश-ए-हाल ले गई जुरअत-ए-शौक़ के...
सूरज चमका नीलगगन में, फिर भी अन्धकार छाया
धूल भरी है घर आँगन में, अन्धड़ है कैसा आया
वृक्ष स्वयं अपने फल खाते, सरिताएँ जल पीती है...
आज बस इतना ही!
नमस्कार!
बहुत सुन्दर चर्चा।
ReplyDeleteआज पढ़ने को अच्छे लिंक मिले।
आभार बृजेश जी।
हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल पर आज की चर्चा : जह्नो - दिल में रेंगती हैं -- हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल : चर्चा अंक :10
ReplyDeleteकाफी दिनों बाद प्रसारण पर आ सका... व्यस्तता अधिक थी...
ReplyDeleteआया हूं तो सुंंदर लिंक पढ़ने को मिले।
बहुत सुन्दर सूत्र संजोये हैं आपनें !!
ReplyDeleteआभार !!
बहुत सुन्दर सूत्र.
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति-
ReplyDeleteआभार आदरणीय-
बहुत सुन्दर सूत्रों का संयोजन
ReplyDeleteमेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार आ० बृजेश जी
रोचक व पठनीय सूत्रों से सजा प्रसारण
ReplyDeleteबेहद सुन्दर पठनीय सूत्र आदरणीय बृजेश भाई जी हार्दिक आभार आपका.
ReplyDeleteसुन्दर व रोचक चर्चा
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सूत्र संकलन बृजेश जी,हार्दिक आभार आपका।
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