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Sunday, September 15, 2013

रविवार, 15 सितम्बर 2013
ब्लॉग प्रसारण , अंक- 117
नमस्कार मित्रों,
रविवार की सुन्दर सुबह, मैं शालिनी प्रस्तुत हूँ कुछ चुनिन्दा सूत्रों  के साथ| तो चलिए चलते हैं सीधे इन लिंक्स की ओर 

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हिंदी के लिए मात्र एक ही दिवस क्यों .....
यशवंत यश 
अपवाद है
तो सिर्फ
अपनी ज़ुबान
जिस पर
रचती बसती है 
अपनी
हिन्दी । 
सरिता भाटिया

 डॉ. रूपचंद शास्त्री 'मयंक'
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 हितेश राठी 
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अनीता
अंतर में प्यार, हिम्मत अपार

 बिखरे जहाँ को, दे पल में संवार

 धरती की अंगूठी में

 जड़ी लड़कियाँ !
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रश्मि शर्मा 
जानती हूं
आंचल में पानी नहीं ठहरता कभी
इसलि‍ए
तुम फूल कर आ जाओ
मेरे दामन में समा जाओ

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चन्द्र भूषण मिश्र 'गाफ़िल' 

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यात्रा वृतांत 
अनुपमा पाठक 

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अशोक खाचर

ख़ुद की खातिर न ज़माने के लिए ज़िंदा हूँ
कर्ज़ मिट्टी का चुकाने  के लिए ज़िंदा हूँ

किस को फ़ुर्सत जो मिरी बात सुने ज़ख्म गिने
ख़ाक हूँ ख़ाक उड़ाने  के लिए ज़िंदा हूँ

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कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता

अनुलता

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अचानक उसकी नज़र पड़ी हल्के नारंगी आसमान पर, स्तब्ध रह गयी. भोर होने का आगाज़ इतना सुंदर, इतना निशब्द !! हाँ वो तीखी सुरीली धुन अभी भी मौजूद थी, पहाड़ी झींगुरों की आवाज़.यहाँ शहर में भी एक आध जगह गाते होंगे कोई गाना पर व्यस्त जीवन की अस्त-व्यस्तता में खो जाती हैं उनकी धुनें...

अपर्णा बोस 
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अभिषेक कुमार झा 
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अनुपमा बाजपाई 
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अजब हैं लोग थोड़ी सी परेशानी से डरते हैं
कभी सूखे से डरते हैं, कभी पानी से डरते हैं
राजेन्द्र कुमार 

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और अंत में नारी को समर्पित इस रचना के साथ आपसे विदा चाहूँगी.. फिर मिलेंगे .. अगले रविवार 
नारी धुरी समाज की, जीवन का आधार|
बिन नारी जीवन नाव, डूबे रे मंझधार ||
डूबे रे मंझधार, यह गुरु प्रथम बालक की |
संस्कार की दात्री, पोषक है आदर्श की ||
नारी का अपमान, पुरुष की गलती भारी|
मानवता का बीज, सींचे कोख में नारी ||

40 comments:

  1. बढ़िया लिंक्स आज के लिए |
    आशा

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    1. हिंदी दिवस के शुभ मौके पर हिंदी को एक ओर उपहार ---हिंदी तकनीकी दुनिया का शुभारंभ... कृपया आप भी पधारें, आपके विचारों का स्वागत किया जायेगा |

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    2. हार्दिक आभार आशा जी

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  2. शालिनी जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद ..इतने रोचक और उपयोगी लिन्क के बीच आपने मेरी रचना को भी जगह दी ...आभार आपका.

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    1. हिंदी दिवस के शुभ मौके पर हिंदी को एक ओर उपहार ---हिंदी तकनीकी दुनिया का शुभारंभ... कृपया आप भी पधारें, आपके विचारों का स्वागत किया जायेगा |

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  3. बड़े ही सुन्दर सूत्र..

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    Replies
    1. हिंदी दिवस के शुभ मौके पर हिंदी को एक ओर उपहार ---हिंदी तकनीकी दुनिया का शुभारंभ... कृपया आप भी पधारें, आपके विचारों का स्वागत किया जायेगा |

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  4. हिंदी दिवस के शुभ मौके पर हिंदी को एक ओर उपहार ---हिंदी तकनीकी दुनिया का शुभारंभ... कृपया आप भी पधारें, आपके विचारों का स्वागत किया जायेगा |

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  5. शालिनी जी पुनः स्वागत है आपका
    बढ़िया सूत्र पिरोये हैं इस माला में एक मनका हमारा भी शुक्रिया

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  6. आभार।
    सुप्रभात, आपका दिन मंगलमय हो...।

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  7. सुंदर सुबह के साथ सुंदर प्रसारण...
    सादर।

    हिंदी दिवस की शुभकामनाओं के साथ उजाले उनकी यादों के पर आना... इस ब्लौग पर आप हर रोज 2 रचनाएं पढेंगे... आप भी इस ब्लौग का अनुसरण करना।

    आप सब की कविताएं कविता मंच पर आमंत्रित है।
    हम आज भूल रहे हैं अपनी संस्कृति सभ्यता व अपना गौरवमयी इतिहास आप ही लिखिये हमारा अतीत के माध्यम से। ध्यान रहे रचना में किसी धर्म पर कटाक्ष नही होना चाहिये।
    इस के लिये आप को मात्रkuldeepsingpinku@gmail.com पर मिल भेजकर निमंत्रण लिंक प्राप्त करना है।



    मन का मंथन [मेरे विचारों का दर्पण]


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  8. सुन्दर सूत्र संयोजन !!

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  9. है जिसने हमको जन्म दिया,हम आज उसे क्या कहते है ,
    क्या यही हमारा राष्र्ट वाद ,जिसका पथ दर्शन करते है
    हे राष्ट्र स्वामिनी निराश्रिता,परिभाषा इसकी मत बदलो
    हिन्दी है भारत माँ की भाषा ,हिंदी को हिंदी रहने दो .....

    बेहतरीन, सूत्र संकलन के लिए बधाई शालिनी जी ...

    RECENT POST : बिखरे स्वर.

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  10. सुंदर और मोहक लिंक्स संयोजन हेतु बधाई....

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  11. शालिनी जी, बहुत बहुत बधाई इन विविध लिंक्स के लिए..आभार!

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  12. सम्मानित ''शालिनी'' जी,
    बहुत खूबसूरती से प्रस्तुत किया आपने ''सुन्दर और बेहतरीन चुनिंदा लेख और रचना''
    इसके लिए, आपको हार्दिक बधाई
    मेरी ग़ज़ल ''चट्टे - बट्टे'' को स्थान देने के लिए
    हार्दिक धन्यवाद
    (अनुरोध है : नाम पूरा लिखा कीजिये (अभिषेक कुमार झा ''अभी'')
    आभार

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  13. आदरणीया शालिनी जी बेहद सुन्दर पठनीय सूत्र समाहित किये हैं आज के प्रसारण में इस हेतु हार्दिक आभार आपका.

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  14. शालिनी जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद ..इतने रोचक और उपयोगी लिन्क के बीच आपने मेरी रचना को भी जगह दी ...आभार आपका.

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  15. सुंदर प्रसारण ... नए लिंक भी मिले ...

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  16. लिंक 1 - फिर वही....[यशवंत यश] यशवंत भाई हिंदी दिवस पर बड़ी अच्छी बात कही आपने जम गई आपकी बात हार्दिक बधाई.

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  17. लिंक 2 - हिंदी दिवस पर कुछ दोहे [सरिता भाटिया] आदरणीया सरिता जी हिंदी दिवस के अवसर पर बेहद सुन्दर दोहावली रची है आपने पढ़कर आनंद आ गया ढेरों बधाई स्वीकारें.

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  18. लिंक 3 - चौदह सितम्बर पर चौदह दोहे मेरी हिंदी [ डॉ. रूपचंद शास्त्री 'मयंक']
    आदरणीय वाह वाह हिंदी दिवस पर क्या उत्तम दोहावली प्रस्तुत की है आपने हिंदी का क्या महत्व है कितनी सरल है सुन्दर है मीठी है के साथ साथ हिंदी के साथ साथ हो रहे दुर्व्यवहार को भी आपने सुन्दरता से परिभाषित किया है सुन्दर शिक्षाप्रद दोहावली हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारने.

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  19. लिंक 4 - आओ .... थोड़ा कलात्मक हो जाएँ [ हितेश राठी ]
    बहुत ही सुन्दर ज्ञान साझा किया है आपने भाई हार्दिक आभार आपका.

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  20. लिंक 5 - लड़कियाँ [अनीता]
    वाह आदरणीया कितनी सुन्दरता से आपने लड़कियों को परिभाषित किया है उनके गुण बताये हैं आपने और अंतिम बंद तो मुग्ध कर दिया ढेरों बधाई स्वीकारें.
    अंतर में प्यार, हिम्मत अपार
    बिखरे जहाँ को, दे पल में संवार
    धरती की अंगूठी में
    जड़ी लड़कियाँ ! वाह वाह क्या उपमा दी है आपने.

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  21. लिंक 6 - कहती हूँ .. सुन लो तुम [रश्मि शर्मा ]
    अथाह प्रेम की विरह की तड़प का सुन्दर वर्णन बेहतरीन पंक्तियाँ शानदार अभिव्यक्ति हार्दिक बधाई आपको

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  22. लिंक 7 - मुझे मेरे यार ने लूटा [चन्द्र भूषण मिश्र 'गाफ़िल' ]
    वाह वाह आदरणीय क्या लुटे हैं आप बहुत खूब बधाई

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  23. लिंक 8 - यात्रा वृतांत सौन्दर्य के प्रतिमान [अनुपमा पाठक ]
    आदरणीया आपका हिंदी के प्रति इतना प्रेम देख कर मुग्ध हूँ आपने कितनी सुन्दरता अपनी बात कह गए वो भी एक सुन्दर उदाहरण के साथ जो आपके साथ ही कभी घटित हुआ था. सच कहा आपने हिंदी और अंग्रेजी के ज्ञान रखने वाले पहली अंग्रेजी से ही शुरुआत करते हैं फिर जाकर कभी एक दो शब्द हिंदी के निकलते हैं उनके मुख से. अंग्रेजी भाषा का या अन्य भाषा का ज्ञान यदि है तो बहुत अच्छी बात है किन्तु हम यह क्यूँ भूल जाते हैं कि हमने शुरूआती दौर से ही हिंदी बोली है और हिंदी को बोलते हुए अन्य भाषायों का ज्ञान वर्जित किया है तो हिंदी तो हमारी जननी हुई और हम जननी को कैसे भूल सकते हैं. आपको नमन दिल से हार्दिक बधाई आपको इस सुन्दर प्रस्तुति पर आपकी सार्थक सोच पर आपका मातृभाषा के प्रति प्रेम को.

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  24. लिंक 9 - कमर इक़बाल की गज़लें [अशोक खाचर]
    जानदार शानदार धारदार बेमिसाल जिन्दबाद गज़लें वाह वाह वाह दिल से ढेरों बधाई कमर साहब को हार्दिक आभार अशोक भाई आपने इतनी सुन्दर ग़ज़लों को पढवाया.

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  25. लिंक 10 - परफेक्शन [अनुलता]
    अनु जी कितनी उम्दा बात आपने बड़ी ही सहजता और सरलता से कह गए वाह बहुत बहुत बधाई

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  26. लिंक 11 - उसके जीवन का एक पन्ना [अपर्णा बोस]

    बहुत ही सुन्दर खूबसूरत वर्णन पहाड़ों को आपने जाना पहचाना महसूस किया है पढ़कर ऐसा लगता है आपने उनके साथ जीवन जिया है बहुत बहुत बधाई

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    1. जी बिल्कुल सही कहा आपने अरुणजी । मेरा बचपन प्राकृतिक सौंदर्य और प्रदूषण से रहित वातावरण के बीच गुज़रा है.असम ,शिलोंग, चेरापूंजी ,अरुणाचल आदि मेरे जीवन का एक अहम हिस्सा थे और रहेंगे। इस लेख की प्रेरणा मुझे पहाड़ों ने ही दी है ,पश्चिम बंगाल में 'रिश्यप (Rishyap )' नामक एक हिल स्टेशन है जहाँ से आप कांचनजंघा देख सकते हैं। तीन बार जा चुकी हूँ फिर भी मन पूरी तरह से भरा नहीं है

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  27. लिंक 12 - चट्टे - बट्टे [अभिषेक कुमार झा]
    कलयुगी नेताओं पर सुन्दर सटीक व्यंग कसा है आपने क्या कहने बहुत खूब

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  28. लिंक 13 - चाँद हौले से मुस्का दिया [अनुपमा बाजपाई]
    वाह वाह आदरणीय अन्नपूर्णा जी वाह क्या कहने लाजवाब कविता चाँद की कृतियों का कितना सुन्दर वर्णन किया है आपने मन प्रसन्न हो उठा पढ़कर ढेरों बधाई

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  29. लिंक 14 - हैरानी से डरते हैं ... [राजेन्द्र कुमार]
    आय हाय आदरणीय राजेंद्र भाई जी वाह क्या खूब बयां किया है आपने दिल खुश कर दिया आपने जिंदाबाद जिंदाबाद जिंदाबाद हार्दिक बधाई स्वीकारें भाई जी

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  30. अन्तिम पोस्ट - कुण्डलिया छंद विषय नारी [शालिनी रस्तोगी]
    आदरणीया शालिनी जी सहमत हूँ आपसे नारी से ही सब कुछ है इस धरा पर बिन नारी यह धरा अस्तित्व विहीन है, बेहद सुन्दर कुण्डलिया छंद दिल से ढेरों बधाई स्वीकारें.

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  31. बड़े ही सुन्दर सूत्र..

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  32. सुन्दर सूत्रों से सजा हुआ मंच। मेरी पोस्ट को यहाँ शामिल करने के लिये तहे दिल से आभार

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