नमस्कार मित्रों,
आज के इस 79 वें अंक में आप सभी का मैं राजेंद्र कुमार आपका हार्दिक स्वागत करता हूँ। एक बार फिर मैं अपनी पसंद के कुछ चुनिंदा लिंक्स लेकर आपके समक्ष उपस्थित हुआ हूं।आशा है आप सब पहले की ही तरह अपना स्नेह बनाये रखेंगे,तो आइये एक नजर डालते है आज के प्रसारण की तरफ...
डॉ आशुतोष शुक्ला
लगता है कि पाक ने अपने पडोसी देश भारत को उकसाने में कोई कसर नहीं छोड़ने का मन बना ही लिया है क्योंकि जिस तरह से वह आज भी एक तरफ़ दोस्ती की बात करता है वहीं दूसरी तरफ़ पीठ में छुरा घोपने से बाज़ नहीं आता है ?
सरिता भाटिया
गर्भ गृह और चोला :----गर्भ गृह में स्वयंभू बाल हनुमान के साथ साथ राम दरबार, राधा कृष्ण विराजमान हैं | सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को मंदिर में चोला चढ़ाने की खास परंपरा है |मंगलवार के लिए सोमवार रात को और शनिवार के लिए शुक्रवार रात को चोला चढ़ाया जाता है |
रविश कुमार
आज अजीब हुआ । प्राइम टाइम की तैयारी पूरी कर स्टुडियो जाने का इंतज़ार कर रहा था । पंद्रह मिनट बाक़ी थे नौ बजने में । अचानक माँ और भाभी …….
संजय अनेजा
गधे हैं जो रक्षामंत्री के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं, उनके व्यक्तव्य का विरोध कर रहे हैं। अब भला इन गधों से कोई पूछे कि जो जानकारी किसी मंत्री के पास हो सकती है, वो आम जनता को कैसे हो सकती है? बिना पाकिस्तान की स्वीकारोक्ति के ऐसे कैसे उनके उजले कपड़ों पर कीचड़ उछाल देते
खुद के चुने हुए वॉलपेपर से Theme कैसे बनायें
सनी चौहान
दोस्तों आप सभी अपने डेस्कटॉप को सजाने के लिए थीम का उपयोग तो जरुर करते होंगे कभी कभी थीम में हमारे पसंद के वॉलपेपर नहीं होते तो सोचते हैं की हम हमारी पसंद की थीम बनायें वो भी …
आपका
एटीएम पासवर्ड खतरें में तो नहीं
दर्शन जिंगारा
अब वो दिन गए जब बैंक में पैसे निकालने के लिए लाइन लगानी पड़ती थी, एटीएम के आ जाने से कई चीजे काफी आसान हो चुकी है लेकिन ….
दर्शन जिंगारा
अब वो दिन गए जब बैंक में पैसे निकालने के लिए लाइन लगानी पड़ती थी, एटीएम के आ जाने से कई चीजे काफी आसान हो चुकी है लेकिन ….
डॉ रूपचन्द्र शास्त्री
आसमान में उड़ने का तो, ओर नहीं है छोर नहीं है।
लेकिन हूँ लाचार पास में बची हुई अब डोर नहीं है।।
हिन्दू भी रखते हैं रोज़ा......चन्दन भाटी
यशोदा अग्रवाल
बाड़मेर। पाकिस्तान की सरहद पर बसे बाड़मेर जिले के कई गाँवों में मुस्लिम हिंदुओं के त्योहार पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं, वही हिंदू परिवार भी रमजान के पवित्र महीने में रोजे
अंत में एक अनमोल वचन पर दृष्टि डाल लेते हैं.
आज के प्रसारण को यहीं पर विराम देते हैं,इसी के साथ मुझे इजाजत दीजिये,मिलते हैं फिर से एक नए उमंग के साथ अगले गुरुवार को कुछ नये चुने हुए प्यारे लिंक्स के साथ. शुभ विदा शुभ दिन.
बेजोड़ सूत्रों से सजा प्रसारण राजेन्द्र भाई हार्दिक आभार
ReplyDeleteबेहतरीन........
ReplyDeleteताजा-तरीन और पुर-असर लिंको से सजा य़े अंक
सच में हलचल मच गई दिल में
सादर
सुन्दर पठनीय सूत्र..
ReplyDeleteआदरणीय राजेंद्र भाई जी शानदार सूत्रों से सुसज्जित शानदार प्रसारण हेतु दिल से आभार
ReplyDeleteबहुत अच्छे लिंको से सजा प्रसारण आभार . और मेरी पोस्ट को सामिल करने के लिए राजेन्द्र जी बहुत बहुत. आभार
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रसारण आभार
ReplyDeleteआभार हृदय से राजेंद्र जी ...ब्लॉग प्रसारण में मेरी रचना को स्थान दिया .....!
ReplyDeleteबहुत सुंदर लिंक्स, आभार.
ReplyDeleteरामराम.
बहुत सुंदर प्रसारण आभार
ReplyDeleteलाजबाब,लिंक्स सुंदर प्रसारण ,,,
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