सभी मित्रों
को मेरा नमस्कार!
आज फिर आपके
समक्ष उपस्थित हूं आप ही लोगों के कुछ लिंक्स के साथ।
तो देखिए, आज
के अपने लिंक्स.................
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दोस्तों मेरी आज की पोस्ट स्लो इन्टरनेट की स्पीड बदने के बारे में है में इस पोस्ट में एक सॉफ्टवेर लाया हूँ
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दिन ब दिन यहाँ (फेसबुक पे ) नए नए बोस नज़र आने लगे हैं नवांकुर हो या बरगद विशाल बस अपनी ही चलाने लगे हैं अंतर में झाँकने की...
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अपनी ही निकाली गंगा में जलमग्न हो गए शिव, क्यों ?
बचपन में स्वामी दयानंद की जीवनी में कई बार पढ़ा कि जब घर में एक दिन शिवरात्रि वाले दिन सब पंडित और घर के लोग व्रत रखे शिव की पूजा कर रहे थे...
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अलबेला यह देश, गधों को मिला *तबेला:
(1) बेला पापड ढेर ठो , माफ़ी हुई क़ुबूल । पा बेला अनुकूल फिर, लगा झोंकने धूल । लगा झोंकने धूल, भूलता पाप पुराना ।
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एक सद्गुरु तेरा प्यार मिले
एक सद्गुरु तेरा प्यार मिले तो सारा ज़माना कुछ भी नही | चरणों की जो पाऊं धुल अगर दौलत का खज़ाना कुछ भी नही | चाहे देखूं जिस ओर मगर मेरी नज़र...
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विज्ञापन - अर्थ का अनर्थ
कभी आपने सोचा है कि वो कौन सी चीज है जो सुबह आँखे खुलने से लेकर एकदम बेसुध हो कर सो जाने तक भी आपका पीछा नहीं छोड़ती .....
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सिंहनाद: कुछ छप्पय छंद
आहत खाकर बाण, मृत्यु शय्या पर लेटे, पूछ रहा है देश, कहाँ हैं मेरे बेटे। बचा रहे हैं प्राण, कहीं छुप के वारों से, या वो नीच कपूत, ग...
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अब आज्ञा दीजिए!
नमस्कार!
bahut hi gyanwardhak evam sundar links..
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी और उपयोगी लिंक का कलेक्शन
ReplyDeleterecent post
कितनी भी फाइल या फोल्डर को एक साथ rename करें
.सार्थक व् सराहनीय लिंक्स संयोजन . आभार . ये है मर्द की हकीकत आप भी जानें संपत्ति का अधिकार -४.नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN
ReplyDeleteआदरणीय बृजेश भाई जी बहुत ही सुन्दर प्रस्तुतीकरण एवं सुन्दर लिंक्स संयोजन हार्दिक आभार आपका.
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर लिंक प्रस्तुत किये है ब्लाग प्रसारण का बहुत बहुत आभार
ReplyDeleteनई पोस्ट
Google Seo से बढाये ब्लाग का Traffic
सुन्दर लिंक्स...रोचक प्रसारण...आभार
ReplyDeleteवाह... मन को भा गया यह प्रसारण...
ReplyDeleteबहुत ही अच्छा मंच संयोजन है! अच्छी रचनाओं का संकलन एक ही जगह!.... आपका बहुत बहुत अभिनन्दन आदरणीय श्री ब्रिजेश जी!
ReplyDeleteआपका आभार, आपके माध्यम से कुछ नये पाठक मिले।
ReplyDeleteBahut hi sundar hain saare link respectd Brijesh ji aapne meri poem ko is kaabil samjha uske liye bahut bahut dhanywaad aur abhaar.
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