नमस्कार मित्रों!
आज फिर मैं आपके सामने उपस्थित हूं कुछ अपनी पसंदीदा कड़ियों के साथ। आज आपके साथ साझा कर रहा हूं कुछ भूली बिसरी कड़ियां।
तो देखिए आपको इनमें से कितनी फिर पसंद आती हैं।
कुछ मजेदार तथ्य: मजेदार गणित के सूत्र
मैं श्रमित जिन्दगी की जद्दोजहद से
व्यथित चली जा रही थी
अज्ञात गन्तव्य की ओर
प्रेममय संवाद सुनकर रुकी
सघन छांव ने दिया ठौर
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छोटा सा गोल-गप्पे वाला
काम है देखो बड़ा निराला
नन्हीं नन्हीं पूरी बनाकर
कद्दू सा फिर उन्हें फुलाकर
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इन हथेली की लकीरों से, कहाँ तक़दीर बनती है,
मुसाफ़िर ही सदा चलते, कभी मंज़िल न चलती है.
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" कवित्त " बन - मन आयं
बड़ हितुवा हमार बन -
मन के बखान , करे जाय नहीं भइया .
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पैरहन हो बादशाही, चेहरा नूरानी तो क्या ,
रूह में वहशत अगर हो, ज़िस्म गर इंसानी तो क्या .
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नयन झुकाए मोहिनी, मंद मंद मुस्काय ।
रूप अनोखा देखके, दर्पण भी शर्माय ।।
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सपने अक्सर झूठे होते हैं.
मैने झूठ बेचकर सच ख़रीदा है.
सच अपने बूढ़े माँ बाप के लिए,
सच अपने बीवी बच्चों के लिए,
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एक सुंदर भजन
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विशेष
हार्दिक शुभकामनाओं सहित
अरुण कुमार निगम (हिंदी कवितायेँ): विवाह की इकतीसवीं वर्षगाँठ
सपना-अरुण निगम (मदिरा सवैया)
ब्याह हुये इकतीस सुहावन साल भये नहिं भान हुआ
नित्य निरंतर जीवन में पल का पहिया गतिमान हुआ
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नमस्कार!
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विशेष
हार्दिक शुभकामनाओं सहित
अरुण कुमार निगम (हिंदी कवितायेँ): विवाह की इकतीसवीं वर्षगाँठ
सपना-अरुण निगम (मदिरा सवैया)
ब्याह हुये इकतीस सुहावन साल भये नहिं भान हुआ
नित्य निरंतर जीवन में पल का पहिया गतिमान हुआ
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तो अब आज्ञा दीजिए................
नमस्कार!
आदरणीय बृजेश भाई एवं समस्त मित्रों को शुभ प्रभात, आहा भाई जी आपका लिंक संयोजन का यह अनोखा अंदाज मन मोह गया, वाह क्या कहने रोचक अंदाज के साथ साथ पठनीय सूत्र. हार्दिक बधाई स्वीकारें.
ReplyDeleteवास्तव में आपने चुन-चुन कर ही सूत्र संजोए हैं।सार्थक सूत्रों की इतनी आकर्षक प्रस्तुति पढकर बड़ा अच्छा लगा।
ReplyDeleteसादर बधाई आपको आदरणीय!
pyare links aur utna hi pyara prastut karne ka tareeka :)
ReplyDeletewah!!
कुछ अलग सा दिख रहा है। लेकिन बहुत बढिया लिंक्स और संयोजन
ReplyDeleteशुभकामनाएं
सुन्दर लिनक्स का संयोजन सार्थक अभिरूचि का परिचय दे रहा है .आभार . चमन से हमारे जाने के बाद . साथ ही जानिए संपत्ति के अधिकार का इतिहास संपत्ति का अधिकार -3महिलाओं के लिए अनोखी शुरुआत आज ही जुड़ेंWOMAN ABOUT MAN
ReplyDeleteवाह ! बहुत खूबसूरत . लिंक्स भी और प्रस्तुति भी . मुझे स्थान देने के लिए बहुत आभार .
ReplyDeleteसुन्दर लिंक संयोजन !!
ReplyDeleteबहुत सुंदर लिंक्स मिले, आभार.
ReplyDeleteरामराम.
शानदार,बहुत उम्दा लिंक्स प्रस्तुत करने के लिए बधाई, ब्रजेश सिंह जी
ReplyDeleteRECENT POST: हमने गजल पढी, (150 वीं पोस्ट )
brijesh ji bahut badiya sutr piroye hain aapne aapka andaj khubsurat hai
ReplyDeletehamare pasandida bhajan ko sthan dene ke liye shukriya
सुंदर लिंक्स।। एक पठनीय संयोजन।
ReplyDeleteघुइसरनाथ धाम - जहाँ मन्नत पूरी होने पर बाँधे जाते हैं घंटे।
Facebook पर वायरस, डाल सकता है आपके बैंक एकाउंट पर डाका
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति-
ReplyDeleteआपका काम अनुकरणीय है ..
ReplyDeleteबधाई !!
@ कुछ मजेदार तथ्य....
ReplyDeleteशून्य आठ नौ सात छ:,तीन पाँच दो चार
एक सूत्र में बाँधते , जय राजेंद्र कुमार ||
देख पिरामिड की तरह,अंकों का अनुप्रास
मजेदार हर सूत्र ने , अंतस् भरा हुलास ||
बहुत रोचक प्रसारण...
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