दूरियों की ना परवाह किया कीजिए,
दिल जब भी पुकारे बुला लीजिए,
हम दूर ज़्यादा नही आपसे,
बस अपनी आँखों को पलको से मिला लीजिए
|...अज्ञात...|
सभी दोस्तों को
सरिता भाटिया
का प्यार भरा नमस्कार
चलते हैं कुछ चुनिंदा लिंक्स की तरफ
|
सूखा बादल
कुछ अलग सा
गाँव से माँ आई है
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कट पेस्ट
छोड़ दिया है
शुक्रिया
दीजिए इजाज़त
शुभविदा..
(भारतीयों की खास आदत पर )भारतीयों की एक और खास आदत है - काम चलाऊ भाषा के चक्कर में ,सही अर्थोंवाले शब्द का प्रयोग करने में अक्सर ही चूक जाते हैं !
ReplyDeleteसरिता जी ,बहुत आभार इस चर्चा के लिये और मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए !
बढे सलीके से कही गयी है सलीका जानने की बात ...क्या बात है ..
Deleteबहुत ही सुन्दर! आनन्द आ गया आज के लिंक्स पढ़कर! आपको साधुवाद!
ReplyDeleteबेहतरीन लिंक्स
ReplyDeleteबढ़िया, पठनीय लिंक्स,,,
ReplyDeleterecent post : ऐसी गजल गाता नही,
कैलाश जी की गजल बहुत खूब है शेयर करने के लिए धन्यवाद अरुण
ReplyDeleteवाह आदरणीया बहुत ही सुन्दर लिंक्स के साथ साथ बेजोड़ प्रस्तुतिकरण गागर में सागर भर दिया आपने, हार्दिक आभार आपका.
ReplyDeleteप्रसारण की सादगी भी लाजवाब है।
ReplyDeleteबहुत सुंदर
बढ़िया है -
ReplyDeleteबधाई स्वीकारें-
sundar ....dhanyavad nd aabhar ....
ReplyDeleteatisundar ...
ReplyDeleteअच्छे लिंक्स हैं ...धन्यवाद मेरी पोस्ट को स्थान देने हेतु....
ReplyDeleteसुन्दर लिंक्स के साथ सुन्दर प्रसारण।
ReplyDeleteघुइसरनाथ धाम - जहाँ मन्नत पूरी होने पर बाँधे जाते हैं घंटे।
सुंदर रचनाओं के लिंक्स का सुंदर संगम. आदरेया निशा महाराणा की की रचना ने मर्म को छू लिया.चेतन राम किशन जी का मोहक गीत मन में उतर गया.बधाई.........
ReplyDeleteसुन्दर लिनक्स संजोये हैं आपने ..आभार . हम हिंदी चिट्ठाकार हैं.
ReplyDeleteBHARTIY NARI .