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Wednesday, June 5, 2013

ब्लॉग प्रसारण अंक :17

दूरियों की ना परवाह किया कीजिए,
दिल जब भी पुकारे बुला लीजिए,
हम दूर ज़्यादा नही आपसे,
बस अपनी आँखों को पलको से मिला लीजिए
|...अज्ञात...|

 सभी दोस्तों को 
सरिता भाटिया 
का प्यार भरा नमस्कार 
चलते हैं कुछ चुनिंदा लिंक्स की तरफ 

आवाज मेरे मन की 
सूखा बादल 


 कुछ अलग सा 
गाँव से माँ आई है 

कडुवा सच 

कट पेस्ट 


लालित्यम 
भक्ति या आसक्ति 

वीरांश 
छोड़ दिया है 


श्याम स्मृति 
बृज भाषा काव्य संग्रह 

 तेरे बिन 
लम्हा लम्हा जिंदगी  
                                                                                                             डॉ.निशा 

 
                                                                                                                                                                                
शुक्रिया 
दीजिए इजाज़त 
शुभविदा.. 

15 comments:

  1. (भारतीयों की खास आदत पर )भारतीयों की एक और खास आदत है - काम चलाऊ भाषा के चक्कर में ,सही अर्थोंवाले शब्द का प्रयोग करने में अक्सर ही चूक जाते हैं !
    सरिता जी ,बहुत आभार इस चर्चा के लिये और मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए !

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    1. बढे सलीके से कही गयी है सलीका जानने की बात ...क्या बात है ..

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  2. बहुत ही सुन्दर! आनन्द आ गया आज के लिंक्स पढ़कर! आपको साधुवाद!

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  3. बेहतरीन लिंक्स

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  4. कैलाश जी की गजल बहुत खूब है शेयर करने के लिए धन्यवाद अरुण

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  5. वाह आदरणीया बहुत ही सुन्दर लिंक्स के साथ साथ बेजोड़ प्रस्तुतिकरण गागर में सागर भर दिया आपने, हार्दिक आभार आपका.

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  6. प्रसारण की सादगी भी लाजवाब है।
    बहुत सुंदर

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  7. बढ़िया है -
    बधाई स्वीकारें-

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  8. अच्छे लिंक्स हैं ...धन्यवाद मेरी पोस्ट को स्थान देने हेतु....

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  9. सुंदर रचनाओं के लिंक्स का सुंदर संगम. आदरेया निशा महाराणा की की रचना ने मर्म को छू लिया.चेतन राम किशन जी का मोहक गीत मन में उतर गया.बधाई.........

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  10. सुन्दर लिनक्स संजोये हैं आपने ..आभार . हम हिंदी चिट्ठाकार हैं.
    BHARTIY NARI .

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