"जय माता दी" अरुन की ओर से आप
सबको सादर प्रणाम . ब्लॉग प्रसारण में आप सभी का एक बार फिर से
हार्दिक स्वागत है
|
||||
सरिता भाटिया
|
||||
Minakshi Pant
|
||||
Rajendra Kumar
|
||||
मीनाक्षी
|
||||
Yashoda Agrawal
|
||||
Brijesh Singh
|
||||
Vandana
|
||||
रश्मि शर्मा
|
||||
Sunita Shanoo
| ||||
|
||||
इसी के साथ मुझे इजाजत दीजिये मिलते हैं अगले मंगलवार को आप सभी के चुने हुए प्यारे लिंक्स के साथ. शुभ विदा शुभ दिन. |
ब्लॉग प्रसारण पर आप सभी का हार्दिक स्वागत है !!!!
ब्लॉग प्रसारण का उद्देश्य पाठकों तक विभिन्न प्रकार की रचनाएँ पहुँचाना एवं रचनाकारों से परिचय करवाना है. किसी प्रकार की समस्या एवं सुझाव के लिए इस पते पर लिखें. blogprasaran@gmail.com
Tuesday, May 28, 2013
ब्लॉग प्रसारण अंक - 9
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
शुभ प्रभात
ReplyDeleteआभार..
अच्छे व पसंदीदा लिंक्स का प्रसारण
साधुवाद
सुन्दर प्रसारण !!
ReplyDeleteअच्छे लिंक्स सुन्दर प्रसारण !!
ReplyDeleteआदरेया के गीत पर....
ReplyDeleteवाह, कान्हा की प्रीत भला किसे बावरी नहीं बना देती है.राधा सी प्रीत और मीरा की दीवानगी हर मन चाहता है. सुंदर और मधुर गीत रचा गया है.गीत को थोड़ा विस्तार और मिल जाये तो आनंद रस में अतिशय वृद्धि हो जाये.
अरुण sir शुक्रिया मार्गदर्शन के लिए
Deleteहाइकू-
ReplyDeleteहाइकू में तुकांत इनके सौंदर्य को निखार गया है. विविध बिम्बों का कुशलता से चित्रण मन को मोह गया. बधाई
साज़िशें फिरती हैं कितने मुखौटे पहने
ReplyDeleteउनकी चालों से सदा ख़ुद को बचाया जाए
सामाजिक विषमताओं को शब्दों के चित्र में बखूबी उकेरा गया है. इस बेहतरीन गज़ल को साझा करने के लिए आदरणीय राजेंद्र जी, बहुत बहुत आभार....
अनुपम लिंक्स एवं प्रस्तुति ...
ReplyDeleteआभार
बहुत बढिया लिंक्स से सजा हुआ है प्रसारण का मंच।
ReplyDeleteबहुत सुंदर
( ब्लाग परिवार से मेरा परिचय कराने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया भाई अरुण )
अप्रतिम व अद्यतन लिंक्स से साक्षात्कार
ReplyDeleteसाधुवाद अरुण भाई
आभार....
आईना वही है
Deleteचेहरे बदल गए
रिश्ते,व्यवहार और भावनाओ को बहुत सजीव तरीके कविता के माध्यम से उकेरने के लिए आभार.
बेहतरीन पठनीय लिंकों के साथ अपनी पोस्ट को भी देख हादिक प्रसन्नता हुई.महेंद्र श्रीवास्तव जी का परिचय दिए, जिनसे इनके बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त हुई.इनके आलेख बहुत ही उच्च कोटि के होते हैं.
ReplyDeleteअति सुंदर.
ReplyDeleteरामराम.
नमस्कार , कल मेरी भी रचना यहाँ थि किसी कारन वश आ नहीं सकी क्षमा
ReplyDeleteअति सुंदर लिक आज के ........बधाई .........
लाजवाब चर्चा का अंदाज़ ...
ReplyDeleteमेरी रचना को विशेष स्थान देने का शुक्रिया ...
माँ को ध्येय में रखकर लिखी गयी आपकी रचनायें बहुत ही उत्कृष्ट कोटि की होती हैं.
Deleteबिलकुल सही कहा आपने राजेंद्र भाई वैसे तो आदरणीय सर की हर रचना सुन्दर होती है परन्तु जब कभी भी कुछ भी माँ के ऊपर लिखते है तो सीधे सीधे ह्रदय में उतर जाती हैं. बेहद सुन्दर एवं हृदयस्पर्शी रचना हेतु अनेक अनेक बधाइयाँ आदरणीय यह माँ के आशीष का ही फल है.
Deleteहमारी रचना को यहाँ सम्मान देने के लिए में आपका तहे दिल से शुक्रिया अदा करती हूँ और भी बहुत सुन्दर लिंक्स है आपकी मेहनत को सलाम |
ReplyDeleteबहुत बढ़िया links अरुण बधाई
ReplyDeleteऔर सबसे बढ़िया आज का परिचय
महेंदर sir का परिचय पाकर ख़ुशी हुई
बहुत बढिया लिंक्स से सजा हुआ है प्रसारण का मंच....मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार...
ReplyDeleteआपका ब्लॉग प्रसारण प्रभावशाली लगा. लम्बे अंतराल के बाद फिर से बहुत कुछ नया जानने को मिल रहा है..मेरी रचना को यहाँ स्थान देने के लिए शुक्रिया...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रसारण आभार
ReplyDeleteहिन्दी तकनीकी क्षेत्र की अचंम्भित करने वाली जानकारियॉ प्राप्त करने के लिये एक बार अवश्य पधारें टिप्पणी के रूप में मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ साथ पर अनुसरण कर अनुग्रहित करें MY BIG GUIDE
शीर्ष पोस्ट
गूगल आर्ट से कीजिये व्हाइट हाउस की सैर
अपनी इन्टरनेट स्पीड को कीजिये 100 गुना गूगल फाइबर से
मोबाइल नम्बर की पूरी जानकारी केवल 1 सेकेण्ड में
ऑनलाइन हिन्दी टाइप सीखें
इन्टरनेट से कमाई कैसे करें
इन्टरनेट की स्पीड 10 गुना तक बढाइये
गूगल के कुछ लाजबाब सीक्रेट
गूगल ग्लास बनायेगा आपको सुपर स्मार्ट
सुन्दर ब्लॉग संयोजन अरुण जी .. बधाई !
ReplyDeleteजल बिन मछली: आदरणीय बृजेश भाई जी बहुत ही सुन्दर चौपाई छंद भाई जी वाकई जल के बिना कुछ भी संभव नहीं, जल के बिना धरा नहीं और जीवन भी नहीं, जल की अनमोलता कि बात बहुत ही सुन्दरता से बताई है आपने. इस सुन्दर रचना हेतु आपको हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं
ReplyDeleteयहाँ सब बिकता है : वंदना जी बहुत ही सुन्दरता से और सहजता से बहुत कुछ कह दिया आपने, खरा सत्य आज के संसार में सब कुछ बिकता है वर्तमान परिस्थिति का बहुत सुन्दर वर्णन. लाजवाब रचना हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें.
ReplyDeleteअमिकलश सा आलिंगन: आदरणीया रश्मि जी प्रेम विरह का बहुत ही सुन्दर वर्णन किया है आपने. निःस्वार्थ प्रेम भाव का अनोखा एवं ह्रदयस्पर्शी लेख. मेरी ओर से हार्दिक बधाई स्वीकारें.
ReplyDeleteमन पखेरु उड़ चला फिर काव्य-संग्रह के लोकार्पण पर एक विशेष रिपोर्ट : आदरणीया सुनीता जी आपकी यह पुस्तक शहर शहर घर घर पहुंचे लोकप्रियता का नया आयाम मिले यही समस्त ब्लॉग प्रसारण के सदस्यों की ओर से हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं.
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर और उपयोगी लिंक्स अरून भाई! मेरी रचना को आज के प्रसारण में स्थान देने के लिए आपका आभार!
ReplyDeleteबहुत उम्दा,लाजबाब लिक्स ,,प्रसारण कर्ता दवारा चर्चा में खुल कर भाग लेना मुझे बहुत अच्छा लगा,,,अरुन जी बधाई
ReplyDeleteRecent post: ओ प्यारी लली,