ब्लॉग प्रसारण-7
रविवार की प्रातः बेला , रविकर का
सुन्दर मंद हास
नमन सभी सुधिजन को, स्वीकारें मेरा
प्रथम प्रयास
नमस्कार मित्रों
आज, मैं शालिनी , आप सभी के समक्ष ब्लॉग प्रसारण की
सप्तम प्रस्तुति में कुछ चुनिन्दा लिंक्स के साथ हाजिर हूँ -
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गर्मी तपते व्याकुल जन-जन की,
बदरा बस सुन ले इतनी पुकार|
हर्षित हो मन का रोम-रोम,
पुलकित हो धरा पा जल धार|
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बस कि आसान नहीं हर बात का आसाँ होना
आदमी को भी मयस्सर नहीं यहाँ इंसाँ होना
अभय श्रीवास्तव
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सुनी है कभी सन्नाटों की चीखें
ध्यान दो अगर वो भी कुछ कहते हैं
वो बात और है पर सुनने को कान नहीं
बस एक संवेदनशील दिल चाहिए
बृजेश नीरज
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रोज के कांड, गडबड घोटाले
कितना देखें, कितनी नज़र बचा लें
दाल में काला हो तो निकाले भी कोई
काली दाल में कालापन कहां तक निकालें
महेंद श्रीवास्तव
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तेरा चेहरा, तेरी बातें, तेरा ख्याल, बस तेरी आस
मिट गया वज़ूद मेरा ,बच गया बस तेरा एहसास .
मानव मेहता 'मन'
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कहते हैं कि बाद अच्छा बदनाम बुरा .... पर क्या यह
मानसिकता उचित है ?
ज़रा सोच कर देखिए ...
शिखा कौशिक नूतन
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लक्ष्य एक है, डगर एक
जीवन कि भी राह नेक
तुम सा गर हो कोई साथी
कटे सफर की मुश्किल हरेक ..
अन्नपूर्णा बाजपेयी
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सिमटती जा रही है जिंदगी कहीं
छतों की ज़द में
हर के नसीब आया है बस
एक मुट्ठी आसमान
पूनम
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अब समझे कौन है......
आस मेरी वो प्यास मेरी ...
पीर मेरी ...
हृद चीर मेरी ...
व्यथा मेरी ,
अकथ कथा मेरी ...
अनुपमा त्रिपाठी
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पुस्तक समीक्षा
अशोक खाचर
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अंत में
दुर्मिल सवैया लिखने के अपने प्रथम प्रयास पर आप सब का
अनुमोदन चाहते हुए आपसे विदा लेती हूँ
शालिनी रस्तोगी
अगले रविवार फिर आपसे भेंट होगी कुछ चुनिन्दा लिंक्स के साथ - शुभ विदा......
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ब्लॉग प्रसारण पर आप सभी का हार्दिक स्वागत है !!!!
ब्लॉग प्रसारण का उद्देश्य पाठकों तक विभिन्न प्रकार की रचनाएँ पहुँचाना एवं रचनाकारों से परिचय करवाना है. किसी प्रकार की समस्या एवं सुझाव के लिए इस पते पर लिखें. blogprasaran@gmail.com
Sunday, May 26, 2013
ब्लॉग प्रसारण-7
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बहुत ही सुन्दर और सार्थक सूत्रों के साथ बेहतरीन प्रस्तुतीकरण.
ReplyDeleteआदरणीया शालिनी जी बहुत ही सुन्दर सूत्र संजोये हैं आज के प्रसारण में आपका श्रम सराहनीय है हार्दिक आभार आपका.
ReplyDeletemeri postko rakhne keliye aapka shukhriya...or bhot achche links hai.....
ReplyDeleteसभी लिंक्स एक से बढ़कर एक..
ReplyDeleteप्रस्तुति भी बहुत सुंदर है।
मुझे स्थान देने के लिए आभार..
bahut hi sundar links h. kbhi mere blog par bhi padhare or koi link acha lage to apne blog prsaran me use bhi samil kare please. mera blog h.
ReplyDeletehttp://hiteshnetandpctips.blogspot.com
शालिनी जी ब्लॉग प्रसारण पर आपका स्वागत है
ReplyDeleteआपका प्रथम प्रयास सराहनीय है
सुंदर links लगाने के लिए हार्दिक बधाई
आदरणीया शालिनी जी बहुत ही सुंदर लिंक्स सजाए हैं आपने आज के प्रसारण में! मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका आभार!
ReplyDeleteवाह बहुत सुंदर लिंक्स सहेजे गये हैं
ReplyDeleteएक से बढ़कर एक
सभी रचनाकारों को बधाई
शानदार संयोजन का
आभार
सादर
आग्रह हैं पढ़े
ओ मेरी सुबह--
http://jyoti-khare.blogspot.in
शालिनी जी बहुत बहुत आभार आपने इस ब्लॉग प्रसारण पर मेरी रचना ली |
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteकंप्यूटर से permanently delete files को रिकवर करने का सॉफ्टवेरके लिए पधारे
सुन्दर और सार्थक सूत्र..बधाई
ReplyDeleteलिंक १- बादल जल्दी आना रे
ReplyDeleteआदरणीय काली प्रसाद जी बहुत ही सुन्दर और सटीक प्रस्तुति, गर्मी वाकई बहुत बढ़ रही है, धूप अपना कहर बरपा रही है, अब तो आँखें नभ कि ओर ही है कब घटा छाएगी और धरा की प्यास बुझेगी. हार्दिक बधाई स्वीकारें.
लिंक २ - आदमी बनाने की शर्त : भाई अभय बहुत ही सुन्दर व्यंग कसा है आपने, सच कहा है आपने. हार्दिक बधाई भाई जी बहुत ही सुन्दर लिखा है आपने.
ReplyDeleteअरुन जी आपके उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया
Deleteलिंक ३ - वह सड़क बंद है : वाह बृजेश भाई क्या बात कह दी आपने, लाजवाब रचना बहुत ही सरलता और सुन्दरता से भावों को प्रस्तुत किया है आपने, हार्दिक बधाई स्वीकारें.
ReplyDeleteलिंक 4 - ... तो समझ लें दाल में कुछ काला है ! आदरणीय महेंद्र सर जी बहुत खूब यथार्थ को सच्चा आइना दिखाया है आपने, वाकई दाल में बहुत कुछ काला है. हार्दिक बधाई स्वीकारें.
ReplyDeleteबेहतरीन प्रसारण...
ReplyDeleteब्लॉग प्रसारण एक सराहनीय प्रयास है. इसे अनवरत जारी रखें. शालिनी जी, मेरी कविता को चर्चा हेतु प्रस्तुत करने के लिए आपका विशेष आभार.
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