रविवार ,30 जून 2013
ब्लॉग प्रसारण , संख्या - 42
सुप्रभात दोस्तों, आज रविवार की सुबह मैं, शालिनी,
आपके लिए लेकर आई हूँ कुछ सुन्दर लिंक्स , तो औरों को भी पढ़ें और
सराहें|
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अपर्णा बोस
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पंखुरी गोयल
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शिखा वार्ष्णेय
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हितेश राठी
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इमरान अंसारी
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अरुण शर्मा
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धीरेन्द्र आस्थाना
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संगीता स्वरूप
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सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर५
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ब्लोगिंग के दो वर्ष पूरे होने पर हार्दिक बधाई
धीरेन्द्र सिंह भदौरिया
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और अंत में इस स्वरचित सवैया के साथ आप सभी से
अगले रविवार तक के लिए विदा लेती हूँ...
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ब्लॉग प्रसारण पर आप सभी का हार्दिक स्वागत है !!!!
वैसे तो इस तरह के तमाम ब्लॉग उपलब्ध हैं जिनमें से कुछ काफी प्रसिद्ध हैं. इस ब्लॉग को शुरू करने का हमारा उद्देश्य कम फोलोवर्स से जूझ रहे ब्लॉग्स का प्रचार करना एवं वे लोग जो ब्लॉग बनाना चाहते हैं परन्तु अज्ञान वश बना नहीं पाते या फिर अपने ब्लॉग का रूप, रंग ढंग नहीं बदल पाते उनकी समस्या का समाधान करना भी है. परन्तु यदि नए ब्लॉग नवीनीकरण (अर्थात update ) नहीं होंगे उनके लिंक नहीं लगाये जायेंगे उनकी जगह अन्य लिनक्स को स्थान दिया जायेगा. साथ ही साथ प्रतिदिन एक या दो विशेष रचना "विशेष रचना कोना' पर प्रस्तुत की जायेंगी और "परिचय कोना" पर परिचय भी दिया जायेगा. ब्लॉग में किसी भी तरह की समस्या को इस पते पर लिख भेजें : blogprasaran@gmail.com समाधान हेतु यथासंभव प्रयास किया जायेगा....
नोट : सभी ब्लॉग प्रसारण कर्ता मित्रों से अनुरोध है कि वे अपने पसंद के सीमित लिंक्स अर्थात अधिकतम (10-15) ही लिंक्स लगायें ताकि सभी लिंक्स पर पहुंचा जा सके.

Sunday, June 30, 2013
Saturday, June 29, 2013
ब्लॉग प्रसारण अंक 41
नमस्कार मित्रों एक लंबे अंतराल के बाद फिर से आप सभी के बीच उपस्थित हूँ कुछ चुनिन्दा लिंक्स ले के | उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा से मन द्रवित है आप सब के बीच ऐसे ही लिंक्स ले के आज अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हूँ, जिसमे उत्तराखंड का दर्द झलका है .............................. |
वक्त की गर्द में दबे थे जिंदगी के रस्ते .... देवेन्द्र रावत |
कदमों तले धरा रेखा श्रीवास्तव |
नमन नमस्ते नायकों, नम नयनों नितराम- |
पेड़ तुने काटे नाम कहर पहाड़ का रख दिया |
अब रोक ले अपना क्रोध |
हिमालय, को समझते,उम्र गुज़र जायेगी - सतीश सक्सेना |
उत्तराखंड त्रासदी पर रचनाएँ |
शिव स्तुति मत्तगयन्द सवैया - त्रासदी पर आल्हा/वीर छंद |
नया सवेरा |
और जाते जाते अंत में - प्राकृतिक आपदा के आगे हम
सभी बेबस हैं मगर क्या इतनी बड़ी जान माल की हानि मानव निर्मित
नहीं विकास के नाम पे जो हम अंधाधुंध दोहन कर रहे है क्या वो उचित
है ????अपनी प्रकृति को बचाने के लिए यही सही समय है
काल करे सो आज कर ,आज करे सो अब पल मे प्रलय होएगी , बहुरि करेगा कब
इस भयावह त्रासदी में जिन्होंने अपनों को खोया है
भगवन उन सभी को इस दुःख को सहने कि शक्ति दे साथ ही उन सभी को जो
असमय कालकवलित हो गए और दुर्भाग्यवश अपने परिजनों से हमेशा के लिए
बिछड गए ईश्वर उन सभी की आत्मा को शांति दे
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Friday, June 28, 2013
सुन लेते यदि
आज हर ओर खुदी है सड़क खड्डों मिट्टी की है भरमार क्योंकि चुनाव को रह गया है एक साल इसलिए हरेक नेता जी को सड़क अब टूटी नज़र...
सर्वाधिकार सुरक्षित [do not copy] '' विप्लव हमें शादी कर लेनी चाहिए ..'' सुमन ने विप्लव के कंधें पर हाथ रखते हुए कहा...
" ज्ञान की वैदिक धारा के प्रारम्भिक दौर में समझदार लोगों ने आगाह किया था कि ज्ञान "कुपात्र" को नहीं देना चाहिए किन्तु ...
उतराखण्ड आपदा के बाद राहत कार्यों पर जिस तरह से राजनितिक सोच हावी है वो यह दर्शाती है कि हमारे राजनितिक दल कितनें निचे गिर सकती है ! हर ...
प्रारब्ध थे तुम आना ही था एक दिन जीवन में सारी दुनिया से अलग होकर मेरे हो जाना और मुझको अपना लेना..... प्यार यूं आया जैसे बरसों तक ह...
Thursday, June 27, 2013
ब्लॉग प्रसारण : अंक 39
कुछ अलग सा आशा सक्सेना इतने बड़े जहान में महफिलें सजी बहारों की चहुओर चहलपहल रहती उदासी कोसों दूर दीखती | |
विशेष लेबल वाली सभी पोस्ट्स .... मनोज जैसवाल आज की पोस्ट में मैं आपको जानकारी दूँगा कि आप एक ही बार में अपनी विशेष लेबल वाली सभी ब्लॉगर पोस्ट्स को एक साथ किसी अन्य लेबल से कैसे बदले, ब्लॉगर ब्लॉग में लेबल का बेहद महत्वपूर्ण योगदान रहता .......... |
देवभूमि के देवदूत और विनाशलीला के लुटेरे सरिता भाटिया उतराखंड पर जो कहर बरपा है उसकी दास्ताँ थमने का नाम नहीं ले रही हैं | 10 दिन बाद भी समझ नहीं आ रहा कोई कैसे अपनों तक पहुंचे कैसे उनकी तलाश करे ?कौन कब एक देवदूत बन उनकी सहायता को आ जाए और कौन रास्ते में ही सब लूट ले |
दर्शन ![]() यूँ ही बे-सबब न फिरा करो, कोई शाम घर में भी रहा करो वो ग़ज़ल की सच्ची किताब है, उसे चुपके-चुपके पढ़ा करो |
यादें... रंजना वर्मा अपनों की याद में वक़्त बे वक्त बरसती आखें ..... अपनों को देखने वक़्त बे वक्त तरसती आखें ...... |
ज़िंदा लेते लूट, लाश ने जान बचाई आदरणीय रविकर जी की कुंडलियाँ खानापूरी हो चुकी, गई रसद की खेप । खेप गए नेता सकल, बेशर्मी भी झेंप । बेशर्मी भी झेंप, उचक्कों की बन आई । ज़िंदा लेते लूट, लाश ने जान बचाई । |
अजवाइन से कुछ रोगों का उपचार ... पूर्णिमा दुबे
अजवायन (Thyme) एक झाड़ीनुमा वनस्पति है जो मसाला एवं औषधि के रूप में प्रयुक्त होती है।
अजवायन के बहुत से गुण हैं। इसे अपने साथ यात्रा में भी रखा जा सकता है। इसका प्रयोग रोगों के अनुसार कई प्रकार से होता है .........
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प्रेम शब्द, जिसमे जादू है .... सुमन जी अनेक शब्द, लोक-व्यवहार के चलते भले ही अपने अर्थ, उपयोगिता
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उतराखंड में आयी प्राकृतिक आपदा में मारे गये उन तमाम लोगो को सादर श्रधान्जली,उनके परिजनों को ईश्वर दुःख से उबरने का हौसला दें।
इसी के साथ मुझे इजाजत दीजिये मिलते हैं अगले गुरुवार को कुछ नये लिनक्स के साथ - शुभ विदा |
Wednesday, June 26, 2013
ब्लॉग प्रसारण : अंक 38





Tuesday, June 25, 2013
ब्लॉग प्रसारण : अंक 37
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आनंद कुमार द्विवेदी
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ऋता शेखर मधु
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Kailash Sharma
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धीरेन्द्र सिंह भदौरिया
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Yashoda Agrawal
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पी.सी.गोदियाल "परचेत"
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Aparna Bose
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Sehar
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कालीपद प्रसाद
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आशीष नैथाऩी 'सलिल'
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संध्या शर्मा
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Monday, June 24, 2013
ब्लॉग प्रसारण : अंक 36
नमस्कार, ब्लॉग प्रसारण के सोमवारीय अंक में मैं
नीरज कुमार ‘नीर’ आप सबका हार्दिक स्वागत करता हूँ . उत्तराखंड में
अभी जो दैवी आपदा आयी और जिसमे हजारों लोगों ने अपनी जान गवां दी.
हम ब्लॉग प्रसारण की तरफ से उन सबकी आत्मा की शांति के लिए
प्रार्थना करते हैं. इश्वर उन सबके परिजनों को शक्ति और सामर्थ्य
प्रदान करे. इसके अतिरिक्त आप सभी आदरणीय जनों से सादर अनुरोध है
कि अपनी तरफ से जो भी, जैसी भी सहायता बन पड़े, आर्थिक या जैसी भी
हो जरूर करें.
इसके साथ प्रस्तुत है आज के मेरे द्वारा चुने गए
कुछ लिंक्स, उम्मीद करता हूँ , आपको पसंद आयेगी.
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सरिता भाटिया
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महेन्द्र श्रीवास्तव
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सुलोचना वर्मा
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Amit Srivastava
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Shikha Gupta
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Sunday, June 23, 2013
श्रद्धांजलि
रविवार,23 जून 2013
ब्लॉग प्रसारण अंक - 35
लीला देख विनाश की , मानवता है स्तब्ध |
होगा क्या परिणाम, जो इसका था प्रारब्ध ?इसका था प्रारब्ध, त्रस्त हैं जन - मन सारे| हताश हुए बैठे हैं, जीवन मृत्यु से हारे|| करो कृपा जगदीश, नत है मानव गर्वीला | रुके शीघ्र से शीघ्र , विनाश की क्रूर लीला || सुप्रभात दोस्तों, आज रविवार की सुबह मैं, शालिनी, आपके लिए लेकर आई हूँ कुछ भावपूर्ण लिंक्स , तो औरों को भी पढ़ें और सराहें , हिंदी ब्लोगिंग को और उन्नत बनाएँ | |
शौर्य मलिक
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डॉ. रूपचंद शास्त्री 'मयंक'
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विशाल चर्चित
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डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा
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Vibha Rani Shrivastava
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आशा जोगळेकर
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और अब राजेन्द्र जी की सौंवीं ब्लॉग पोस्ट पर
हार्दिक बधाई
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ईश्वर इस विनाशलीला में दिवंगत आत्माओं को मुक्ति प्रदान करें और इस संकट में फंसे लोगों को शीघ्र उबारें , इसी प्रार्थना के साथ अगले रविवार तक के लिए आपसे विदा लेती हूँ |
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Saturday, June 22, 2013
ब्लॉग प्रसारण अंक - ३४
सुशील
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Anjana Dayal
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पी.सी.गोदियाल "परचेत"
Varsha
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Kamla Singh
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Neelima
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Manjusha Pandey
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इसी के साथ मुझे इजाजत दीजिये मिलते हैं मंगलवार को आप सभी के चुने हुए प्यारे लिंक्स के साथ. शुभ विदा शुभ दिन. |
Friday, June 21, 2013
एक प्रश्न
अपनी ही निकाली गंगा में जलमग्न हो गए शिव, क्यों ?
बचपन में स्वामी दयानंद की जीवनी में कई बार पढ़ा कि जब घर में एक दिन शिवरात्रि वाले दिन सब पंडित और घर के लोग व्रत रखे शिव की पूजा कर रहे थे...
अलबेला यह देश, गधों को मिला *तबेला:
(1) बेला पापड ढेर ठो , माफ़ी हुई क़ुबूल । पा बेला अनुकूल फिर, लगा झोंकने धूल । लगा झोंकने धूल, भूलता पाप पुराना ।
एक सद्गुरु तेरा प्यार मिले
एक सद्गुरु तेरा प्यार मिले तो सारा ज़माना कुछ भी नही | चरणों की जो पाऊं धुल अगर दौलत का खज़ाना कुछ भी नही | चाहे देखूं जिस ओर मगर मेरी नज़र...
विज्ञापन - अर्थ का अनर्थ
कभी आपने सोचा है कि वो कौन सी चीज है जो सुबह आँखे खुलने से लेकर एकदम बेसुध हो कर सो जाने तक भी आपका पीछा नहीं छोड़ती .....
सिंहनाद: कुछ छप्पय छंद
आहत खाकर बाण, मृत्यु शय्या पर लेटे, पूछ रहा है देश, कहाँ हैं मेरे बेटे। बचा रहे हैं प्राण, कहीं छुप के वारों से, या वो नीच कपूत, ग...