खुद जी लिए तो जीना सिखायो सबको,
मुस्कराने का कोई रास्ता बतायो सबको!
|..सरिता भाटिया..|
नमस्कार.....
सब का 'ब्लॉग प्रसारण' पर स्वागत है
मैं
फिर ले आई हूँ आपके लिए कुछ चुनिंदा लिंक्स
एक नजर डालिए अपना स्नेह दीजिए
हमेशा की तरह
अरुण शर्मा अनंत
विकेश बडोला
डॉ.रूप चन्द्र शास्त्री जी
राजेंद्र कुमार
फेसबुक से उड़ाई
हमने लगाई

मनु त्यागी
प्रवीन मलिक
उपासना सिआग
अभिमन्यु भारद्वाज
Bhatia College
एक और उड़ाई

दीजिये सरिता भाटिया को इजाज़त
फिर से नए लिंक्स सजाने के लिए
शुभविदा ..
वाह बहुत ही खूबसूरत लिंक्स. इन सूत्रों को संजोने में आपका परिश्रम साफ़ दृष्टिगोचर होता है..
ReplyDeleteबढ़िया सूत्र!
ReplyDeleteहमें शामिल करने के लिए आङार!
बहुत ही सुन्दर सूत्र सजे हैं आज के प्रसारण में! बहुत बहुत आभार इन उपयोगी लिंक्स के लिए!
ReplyDeleteबहुत लाजबाब सूत्र,,
ReplyDeleteRecent post: ओ प्यारी लली,
सरिता भाटिया जी खूबसूरत लिंक्स से सजा आज का ब्लॉग प्रसारण .... मेरी रचना को शामिल करने का हार्दिक आभार आपका भी और बाकि सदस्यों का भी जो लिंक तक पहुंचे ...
ReplyDeleteसादर धन्यवाद .....
आदरणीया सरिता जी लाजवाब लिंक्स प्रस्तुतीकरण आपका समर्पण एवं श्रम दोनों ही सराहनीय है इस हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें.
ReplyDeleteतरह तरह के रंग आपके प्रसारण में
ReplyDeleteबहुत सुंदर लिंक्स से सजा है आज का प्रसारण
बढिया
सुन्दर सूत्रों से सजा प्रसारण !!
ReplyDeletearun badhai
ReplyDeletevishesh rachna kona ke dono hi links khubsurat
बहुत सुंदर लिंक्स
ReplyDeletepdf file editor जिससे पीडीऍफ़ फाइल को एडिट करें
अच्छे लिंक हे ! मेरे ब्लॉग पर भी पधारे और कोई पोस्ट अच्छी लगे तो उसे भी आपके ब्लॉग प्रसारण में जगह दे मुझे खुसी होगी ! मेरे ब्लॉग का पता हे !
ReplyDeletehttp://hiteshnetandpctips.blogspot.com
बहुत अच्छा कार्य किया है आपने, इस हेतु बधाई एवं धन्यवाद।
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर और सार्थक पठनीय लिंकों का चयन,आपका आभार सरिता जी.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया ब्लॉग प्रसारण प्रस्तुति ..
ReplyDelete@ प्यार का रोग....
ReplyDeleteप्रिय अरुण शर्मा अनंत जी.....
उम्र के साथ लग ही जाता है
ये हँसाता है ,कभी रुलाता है
भूख और प्यार का भी दुश्मन है
नींद आँखों से भी चुराता है
उम्र के अनुरूप की मतवाली, मस्ती भरी गज़ल के लिये बधाई........
हार्दिक आभार आदरणीय गुरुदेव श्री आपका अनमोल मनोहारी प्रतिउत्तर रचना में चार चाँद लगा दिए, सच कहूँ तो ग़ज़ल अधूरी थी अब जाकर पूर्ण हुई है. आशीष एवं स्नेह यूँ ही बनाये रखिये.
Delete@ आदरणीय राजेंद्र कुमार ने अल्कोहल के दुष्परिणाम के साथ ही होम्योपैथी के उपचार भी अत्यंत ही सरल शब्दों में समझाये हैं, ऐसी पोस्ट जनहित में बहुत ही उपयोगी होती है.बधाई......
ReplyDeleteतन्मय मय में हो गये, तन-मन दोनों स्वाह
दारू - भट्ठी खा गई , सौतन - सी तनख्वाह
ना पी भाई ! छोड़ दे , कर घर की परवाह
लाखों ने कम उम्र में , नापी जीवन-राह
हल्के - हल्के पी गया , अल्कोहल – हैवान
हल कोई अब ढूँढिये, मिलजुल कर श्रीमान
घर-मंदिर को भूल कर,मदिरालय से प्रीत
सजनी को सदमा लगा, बच्चे हैं भयभीत
पीने से घटता नहीं , बढ़ता है संताप
कहा बुजुर्गों ने सदा, मदिरा पीना पाप
@ काश ! वो पल.......
ReplyDeleteजीवन के सुनहरे पल अतीत बन जाने के बाद भी कभी-कभी स्मृति-पटल को अश्रुओं से नम कर देते हैं.
कौन आयेगा विजन परदेस में
मौन पलकें क्यों प्रतीक्षा में बिछी
क्यों लहर में झूलता है चंद्रमा ?
कौन तारा झील से टकरा गया ?????
बहुत ही सुन्दर सूत्र
ReplyDelete