आदरणीय मित्रों
नमस्कार!
क्षमा प्रार्थी हूँ कि आज विलम्ब से आपके समक्ष उपस्थित हो सका।
सीधे चलते हैं
आज के गिने चुने लिंक्स पर।
दर्जी दिग्गी चीर के, सिले सिलसिलेवार | कह फर्जी मुठभेड़ को, पोटे किसे लबार | पोटे किसे लबार, शुद्ध दिखती खुदगर्जी | जाय भाड़ में देश, करे ...
निर्मम दुनियाँ से सदा , चाहा था वैराग्य पत्थर सहराने लगा , हँसकर अपना भाग्य हँस कर अपना भाग्य , समुंदर की गहराई ...
अगर आप एक से ज्यादा इ मेल अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं और रोज आप अपना हर मेल अकाउंट चेक करते हैं तो उसमे आप को अपना बहुत सारा वक़्त देना पड़...
बादलों की गर्जना से घटाएं उमड़-घुमड़ गयी, चमन से सेहरे बने धरा को देखती रही !! फुहार जब कहर बना जीवन लीलता गया ,...
जिस तरह से देश के ६५ माननीय (?) सांसदों नें अमेरिका को पत्र लिखकर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को पत्र लिखकर फेक्स के जरिये भेजा है वो ...
यहाँ पर परेशानी से मतलब ये नहीं है की ये प्लेयर ख़राब है या इसका उपयोग लेना ख़राब है कई बार हमको VLC प्लेयर को उपयोग में लेते टाइम कुछ ...
शशिकांत गीते भैया रे! ओ भैया रे! है दुनिया जादू मंतर की पार समुंदर का जादूगर मीठा मंतर मारे पड़े चाँदनी काली होते मीठे सोते ...
आज बस इतना ही!
आज्ञा दीजिए!
नमस्कार!