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Thursday, July 25, 2013

ब्लॉग प्रसारण :अंक 66,सावन के बहारों के साथ


नमस्कार मित्रों,
आज के इस ६६  वें अंक में आप सभी का मैं राजेंद्र कुमार आपका हार्दिक स्वागत करता हूँ। आज के प्रसारण में मैं अपनी पसंद के कुछ चुनिंदा लिंक्स लेकर आपके समक्ष उपस्थित हुआ हूं।आशा है आप सब पहले की ही तरह अपना स्नेह बनाये रखेंगे,तो आइये एक नजर डालते है आज के प्रसारण की तरफ...


आकांक्षा यादव







मुंकिर

नाज़ ओ अदा पे मेरे, न कुछ दाद दीजिए ,

मत हीरे मोतियों से, मुझे लाद दीजिए ,

हाँ इक महा पुरुष की है, धरती को आरज़ू ,

मेरे हमल को ऐसी इक औलाद दीजिए
सुषमा वर्मा
इन शब्दों को क्या कहूँ...
कभी खुद के लिखे शब्द जख्म दे जाते है...
जो हम कहते नही खुद से,
वो सब कुछ ये शब्द कह जाते है..

दुर्मर-दामिनि देह, दुधमुहाँ-दानव ताके

रविकर जी 

छोरा छलता छागिका, छद्म-रूप छलछंद |
नाबालिग *नाभील रति, जुवेनियल पाबन्द |

जुवेनियल पाबन्द, महीने चन्द बिता के |
दुर्मर-दामिनि देह, दुधमुहाँ-दानव ताके-

दीदी दादी बोल, भूज छाती पर होरा |
पा कानूनी झोल, छलेगा पुन: छिछोरा ||

निताक़त कानून और सऊदी अरब

डॉ आशुतोष शुक्ला

सऊदी अरब में स्थानीय निवासियों और कामगारों को काम देने के उद्देश्य से लागू किए गए निताक़त कानून से अब वहां पर के विकास और जन जीवन पर असर पड़ना शुरू हो गया है. इससे सबसे ज्यादा वहां के निर्माण उद्योग पर कुप्रभाव पड़ा है….

फ़िरदौस ख़ान
आज भी पूरे चांद की रात थी... हमेशा की तरह ख़ूबसूरत... इठलाती हुई

बोतल!

मुकेश कुमार सिन्हा

बोतल, बिसलरी या किसी अन्य मिनरल वाटर का
बोतल, बियर या शराब के अलग अलग ब्रांड का
बोतल, विटामिन टौनिक या जीवन रक्षक दवा का
पर बोतल, थे सारी के सारी खाली, एक दम खाली !!

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आमिर अली "दुबई"
डियर रीडर्स , जैसा की पहले भी मैंने कई इंटरनेट वेब ब्राउजर पोस्ट्स किये ,उन्ही की श्रंखला में आज आपकी खिदमत में पेश है एक और नया और बेहतरीन इंटरनेट वेब ब्राउजर , मेरी जानकारी के मुताबिक...

यादों के फूल


Dr.NISHA MAHARANA

जहाँ अपनापन रहता था कभी … 
वहाँ सूनापन बसने लगा है 
वसंत के डाल पे हो सवार … 
पतझड़ कमर कसने लगा है ….
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इसी के के साथ आज का प्रसारण यहीं समाप्त करते हुए विदा चाहतें है,शुभ दिन की कामना।