नमस्कार, ब्लॉग प्रसारण के सोमवारीय अंक में मैं
नीरज कुमार ‘नीर’ आप सबका हार्दिक स्वागत करता हूँ . सोमवार दिन
होता है नवीन उर्जा के साथ नए सप्ताह की शुरुआत करने का, तो आइये
शुरुआत करें नए सप्ताह की, नए और ताज़ातरीन चुने गए लिंकों के
साथ.
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सुमन कपूर 'मीत'
ऐ मेरे दोस्त !
सुनो ना....
क्यूँ रहते हो
अब मुझसे तुम
यूँ खफा खफा
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हंसराज ‘सुज्ञ’
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शिखा गुप्ता
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धीरेन्द्र अस्थाना
किसे ढूंढते हैं,
ये सूने नयन ?
किसे ढूंढते हैं,
ये सूने नयन ?
स्मृतियों में क्यों,
हो रहे विह्वल ,
किस हेतु उन्मीलित,
हैं ये अविरल
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अरुणा
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उपासना सियाग
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पूरण खंडेलवाल
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कविता वर्मा
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पारुल कनानी
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कल्पना रामानी
सूरज आया सैर को, लिए रूप
विकराल,
सूनी हैं सड़कें सभी, जीना
हुआ मुहाल।
व्याकुल पंछी फिर रहे,
सूखे कंठ उदास,
जाएँ कहाँ निरीह ये, बुझे
किस तरह प्यास।
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श्रीराम राय
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इसी के साथ ही मुझे विदा दीजिये, फिर मुलाकात होगी अगले
सोमवार को, तब तक के लिए विदा .. अपना ख्याल रखिये, अच्छा पढ़िए, अच्छा
सोचिये..