सभी मित्रों को मेरा प्यार भरा नमस्कार!
इधर कुछ दिनों से लिंक लगाते लगाते कई नए रचनाकारों से रूबरू होने का अवसर प्राप्त हुआ। इतना उत्कृष्ट लेखन देखने को मिला कि बस दंग रहा गया। कुछ ऐसे रचनाकार भी मिले जिन्हें सहारे और मार्गदर्शन की आवश्यकता है। उन्हें सही दिशा की तलाश है। ऐसे सभी रचनाकारों को हमारे आपके साथ की आवश्यकता है।
आज यहां पर अपने ऐसे ही कुछ मिलेजुले अनुभवों को लिंक्स के माध्यम से आपसे साझा कर रहा हूं। आशा है आप इन सभी को अपना आशीर्वाद प्रदान करेंगे।
अबला नारी को कहें, उनको मूरख जान
नारी से है जग बढ़ा ,नारी नर की खान
नारी नर की खान ,प्यार बलिदान दिया है
बादलों का
एक भी
टुकड़ा...
कुछ फर्क तो है हमारे बीच
सावन का महीना हो
हर बूंद नगीना हो
क़ूफ़ा हो ज़बां उसकी
दिल मेरा मदीना हो
आवाज़ समंदर हो
और लफ़्ज़ सफ़ीना हो
कुछ दिल की थीं अपनी रवायतें कुछ ज़िन्दगी से थीं शिकायतें चल तो दिये थे सफ़र में मगर कुछ रुसवाइयों की थीं अपनी इनायतें
शुभ प्रभात बृजेश
ReplyDeleteअच्छे व पठनीय लिंक्स चुने आपने
आभार
सादर
रोचक सूत्र संकलन।
ReplyDeleteउत्तम प्रसारण-
ReplyDeleteआभार आदरणीय-
बढिया लिंक्स, आभार.
ReplyDeleteरामराम.
ब्रिजेश जी कम पर उपयोगी लिंक्स
ReplyDeleteमेरा लिंक देने के लिए शुक्रिया
आदरणीया सरिता जी समयाभाव के कारण कम लिंक्स रह गए।
Deleteसादर!
सुन्दर सूत्र संयोजन !!
ReplyDeleteएक ब्लॉग से रूबरू करवाना चाहता हूँ जिससे शायद कुछ ही लोग परिचित हैं !!
हमे खाद्य सुरक्षा के नाम पर भिक्षा नहीं, सम्मान से जीने का हक चाहिये
आदरणीय पूरण जी आपका हार्दिक आभार!
Deleteआदरणीय आप द्वारा उपलब्ध कराए गए लिंक पर गया तो पहले भी कई बार लेकिन लिंक तैयार न कर सका यहां लगाने के लिए। अभी इस कला में नया हूं इसलिए शायद। अगली बार फिर कोशिश करूंगा वहां से लिंक लगाने की।
सादर!
सद्भाव भरा प्रसारण!!
ReplyDeleteअच्छे सूत्रों से सजाया है आज ये मंच बृजेश जी
ReplyDeleteआदरणीय बृजेश भी जी बहुत ही सुन्दर लिंक्स दिए हैं आज के प्रसारण में हार्दिक आभार आपका.
ReplyDeleteबढिया लिंक्स, आभार
ReplyDeleteबढिया लिंक्स, आभार
ReplyDeleteसुन्दर लिंक्स आभार
ReplyDeleteबहुत उम्दा,रोचक सूत्र,,,
ReplyDeleteRECENT POST : अभी भी आशा है,
बहुत बढ़िया लिंक्स सहेजे हैं
ReplyDeleteसुंदर संयोजन के लिये साधुवाद
मुझे सम्मलित करने का आभार