नमस्कार मित्रों,ब्लॉग प्रसारण के इस चतुर्थ प्रसारण में मैं राजेंद्र कुमार आपका हार्दिक स्वागत करता हूँ.प्रस्तुत है आबुधाबी से मेरा पहला प्रसारण एक पसंदीदा शेर के साथ,
पहले हम अपने ही घर में खुद को अजनबी सा पाते थे मगर अब,
गैरों में भी सब अपने से लगते हैं जब उन्हें अपना बनाने चल पड़े.
(सुरेश स्वप्निल)
मुक्ति का कोई बीज-मंत्र नहीं होता
कि जिसका उच्चारण करते ही
टूट जाएं पिंजरे की सलाखें
और सो जाएं सारे पहरेदार ...
(प्रवीन मलिक)
तेरी यादों का एक महल बनाया
उसकी हर दीवार पर तुम्हे ही सजाया
उसमे तेरे दिए हल पल को पाया
(डिम्पल कुमार)
जाने क्यों आज रो रहा है बादल |
शायद किसी को याद कर रहा है बादल ||
हर गिरती बूँद में इक आह छुपी है,
महसूस कर रहा है मेरा दिल पागल |
(अरुणा जी)
बीजिंग.तिब्बत में भारतीय पांडुलिपियों के 50 हजार से ज्यादा ‘पेज’ संरक्षित हैं। इनमें से कुछ बहुमूल्य व दुर्लभ पांडुलिपियां संस्कृत में लिखी हैं। चीनी अधिकारियों ने बताया कि इन पांडुलिपियों को छांटने, फोटोकॉपी करने और पंजीकरण का काम 2006 में शुरू किया गया था। अब यह पूरा हो चुका है। ये पांडुलिपियां तिब्बती और अन्य प्राचीन भारतीय भाषाओं में लिखी हैं।
(डॉ नीरज)
ऐसा कई बार होता है कि आप किसी व्यक्ति से कोई बात कहते हैं , और आप सोचते हैं की मैंने उससे कह दिया है और उसने मेरी बात सुनकर समझ भी ली है ,ऐसा आपको लगता है ,है ना ?
(अनीता जी)
मृत्यु को जीतने का अर्थ है, मृत्यु के भय पर विजय पाना, अपने भीतर अमृत तत्व को पाने का अर्थ भी यही है, आत्मा ही व अमृत है जिसे हमें अपने मन रूपी सागर से मंथन करके निकालना है.
(राजेश कुमार)
मानव शरीर कि प्रकृति विद्युत रासायनिक है। कोई भी शक्ति जो मनुष्य के विद्युत रासायनिक व्यवस्था को बाधित करता है वो शरीर के शरीर क्रिया व्यवस्था को भी प्रभावित करेगा।सूक्ष्मतरंग चूल्हा, या माइक्रोवेव ओवन (60 to 90 GHz) एक रसोईघर उपकरण है जो कि खाना पकाने और खाने को गर्म करने के काम आता है।
ब्रेस्ट कैंसर के खतरे, पेटेंट के झगड़े
(श्वेता खत्री)
हाल ही में हॉलीवुड सुपरस्टार एंजलीना जॅाली के एक इक़रारनामे ने हलचल मचा दी. इसमें इन्होंने कैंसर के खतरे से बचने के लिए डबल मैसटैक्टमी (सर्जरी द्वारा दोनों स्तन निकलवा दिया जाना) करवाना स्वीकार किया.
पते के लिए फेसबुक
(हरमिन्दर सिंह)
मुझे कहीं का पता चाहिए था। मेरे लिए कई चीजें बहुत मायने रखती हैं। यही उन्हीं में से था। ऐसा नहीं था कि वह मेरी जिंदगी और मौत का सवाल था .....
अंत में एक अनमोल वचन पर दृष्टि डाल लेते हैं.
आज के प्रसारण को यहीं पर विराम देते हैं,इसी के साथ मुझे इजाजत दीजिये,मिलते हैं फिर से एक नए उमंग के साथ अगले गुरुवार को कुछ नये चुने हुए प्यारे लिंक्स के साथ. शुभ विदा शुभ दिन.