सभी दोस्तों को नमस्कार
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत ।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ||
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् ।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥
आप सभी को जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं
स्वागत है आप सबका
कृष्णमय ब्लॉग प्रसारण
में
शुरुआत करते हैं
एक सुंदर भजन से
कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत ।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ||
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् ।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥
आप सभी को जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं
स्वागत है आप सबका
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में
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एक सुंदर भजन से
कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं
कान्हा नजर ना आए
कृष्ण चन्द्र को रास रसैया
कृष्ण जन्म
हे कृष्ण
आना श्याम