सभी मित्रों
को नमस्कार!
आप सभी के लिए
कुछ नए लिंक्स के साथ आज फिर उपस्थित हूं। तो देखिए मेरे चुने हुए लिंक्स आपको कितना
लुभाते हैं।
नज़ारों में भरा ग़म है,
बहारों में नहीं दम है,
फिजाएँ भी बहुत नम हैं,
सितारों में भरा तम है...
आपका ब्लॉग: दो अगीत .... डा श्याम गुप्ता: {अगीत-- अतुकांत कविता की एक विधा है जो ५ से १० पंक्तियों के अन्दर कही गयी लय व गति...
अरुण कुमार निगम (हिंदी कवितायेँ): गज़ल : बचत-खाता रहा हूँ...........: कमाई का फकत जरिया रहा हूँ
तेरी खातिर बचत खाता रहा हूँ ||
इब बोलो की बोलता,
प्रतिबंधित हो स्कर्ट
लन्दन मिडिल-स्कूल में,
बढ़ता जाये फ्लर्ट बढ़ता जाये फ्लर्ट,
सृजन मंच ऑनलाइन: हरिगीतिका छंद ..... डा श्याम गुप्त .....: हरिगीतिका चार चरण २८ मात्राओं १६-१२ पर यति वाला सममात्रिक तुकांत छंद है जिसमें अंत में लघु-गुरु या लघु लघु लघु रहता है एवं...
रूप-अरूप: न उदास हो मेरे हमसफर.....: दिवस के अवसान में
इस अकेली सांझ में
आंसुओं के उफान में
बहुत याद आते हो तुम......
आज बस इतना ही!
अब आज्ञा दीजिए!
नमस्कार!