नमस्कार मित्रों,
आज के इस ३२ वें अंक में आप सभी का मैं राजेंद्र कुमार आपका हार्दिक स्वागत करता हूँ। आज के प्रसारण में मैं अपनी पसंद के कुछ चुनिंदा लिंक्स लेकर आपके समक्ष उपस्थित हुआ हूं।आशा है आप सब पहले की ही तरह अपना स्नेह बनाये रखेंगे,तो आइये एक नजर डालते है आज के प्रसारण की तरफ...
सन्नी चौहान
गूगल, जो कि इन्टरनेट में उपलब्ध जानकारी को खोज-खोज कर हमें आसानीके साथ दिखाता है, को एक प्रमुख सर्च इंजिनके रूप में जाना जाता है। किन्तु इन्टरनेट की सबसे बड़ी विज्ञापन कम्पनी गूगल महज एक सर्च इन्जिन ही नहीं बल्कि और भी बहुत कुछ है ...
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अबोध स्नेह लक्ष्मी चौहान(अनुभूति) अबोध स्नेह नहीं जानता वो स्नेह की परिभाषा इतना ही कहा करता हैं बहुत गहरी हो तुम ,बिन कहे भी बहुत कुछ कहती हो |
मुंकिर
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देखो मेरी हथेली भी...प्रीति टेलरपत्ते को हरा रंग देकरबूंदे लिखने बैठी उस पर अपने इश्क की दास्ताँ , वो सारे एहसास बैठे , |
कुछ बातें डायरी के पन्नों सेबृजेश नीरज सारा मानवीय इतिहास त्रासदी और अत्याचार की कहानियों से भरा हुआ है। मानव के विकास के क्रम में जब पहली बार .... |
आपदा प्रबंधन के मामले में हमेशा फिस्सड्डी ही ... पूरण खण्डेलवाल |
मानव 'मन'
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"अंतर्राष्ट्रीय ब्लोगर शिरोमणि अवार्ड" ताऊ रामपुरिया |
कौन नहीं चाहता J Sharma संगीत सुनना कौन नहीं चाहता ? नृत्य देखना कौन नहीं चाहता ? |
हम और तुम -ज्यूँ --नदी के ये तट दिव्या शुक्ला |
अंत में एक अनमोल वचन पर मनन करते हैं। इसी के साथ मुझे इजाजत दीजिये मिलते हैं अगले गुरुवार को कुछ नये लिनक्स के साथ - शुभ विदा |